तारीख लेने पर नियंत्रण | अपनी बात

हम अधिवक्ता समाज से मान, सम्मान, प्रतिष्ठा, आदर, धन सभी कुछ चाहते है परन्तु हम समाज को देना क्या चाहते है? इस पर विचार भी नही कर रहे है । यह तो दूर की बात है, हम समाज के सामने अपनी छवि कैसी प्रस्तुत कर रहे है, इस पर भी कोई ध्यान नहीं है । आप एक गिरोह के रूप मे बदलते जा रहे है जिसे कोई भी उचित नही कहेगा । आज अधिवक्ताओं के मध्य मानको व स्तर की बात कहने व करने वाला अलग - थलग पड गया है । अधिवक्ता जब तक देगा नहीं ,पायेगा कहां से? यह बहुत जरूरी है कि देने पर विचार करें ।जब देने से रिक्तता उत्पन्न होगी तभी स्वमेव भरने की प्रक्रिया ध्यान प्रारंभ होगी । जन सामान्य की ओर न देकर हम अपना ही अहित करने में ज्यादा प्रयासरत है ।मुकदमों में विलंब  करने, विरोधी अधिवक्ता व निष्पक्ष अधिकारियों पर खुलेआम दबाव बनाने,अभियुक्तों को पीटने, मुंह काला करने आदि से अधिवक्ता समुदाय का एक भाग अपना आर्थिक लाभ जरूर कर रहा है परन्तु संपूर्ण अधिवक्ता समाज का घोर अहित हो रहा है । मुकदमो का शीघ्र निस्तारण नये मुकदमों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि करेगा। निस्तारण अधिवक्ताओं के लिए आवश्यक है ।अधिवक्ता संघ इस संबंध में नियंत्रण कर सकते है। तारीख लेने के लिए व्यक्तिगत आधार पर नियंत्रण की नितांत आवश्यकता है ।यह नियंत्रण कैसे प्रारंभ हो इस संबंध में सामूहिक विचार प्रारंभ होना चाहिए ।हमारे मौन से ऐसा न हो कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए ।इसलिए आइए मिलकर शीघ्र ही विचार करके आवश्यक एंव उचित निर्णय लें ।
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