सर्वधर्म -समभाव

" सर्वधर्म - समभाव, "एक सत्  विप्रा बहुधा वदन्ति ।" विविधता में एकता (Unity in diversity) हमारी सभ्यता का बुनियादी सिद्धांत रहा है।
             " भारत में कई धर्म प्रचलित है - यह दुख का नही, आनंद व गौरव का विषय है , यदि किसी बगीचे मे एक ही तरह के फूल हो, भले ही वे गुलाब के हो तो देखने मे मजा नही आयेगा, किन्तु उधान मे गुलाब के आलावा चमेली, मोहरा, चंपा, जूही, अशोक व सूरजमुखी के भी पुष्प हो तो सुन्दरता कितनी बढ जायेगी।इसी प्रकार देश मे जुदा- जुदा मजहब हो,  भाषायें हो, रीति-रिवाज हो,  इनसे राष्ट्र की शोभा बढती है - घटती नही। लेकिन यह तभी मुमकिन होगा, जब आपस में सद्भावना हो, मुहब्बत हो, समझदारी हो ।यह प्रेम - भाव एक दूसरे की भाषा व मजहब को नजदीक से जानने पर बढता रहेगा ।" 
मानवता का मार्ग दर्शक कुरान, वह मार्ग दिखाता है जो विल्कुल सीधा है । सारी मानवता को पैदा करने वाले मालिक अल्लाह ने जहां हमारे खाने-पीने रहने-सहने के इस संसार मे सारी आसानियां दी ,वही एक पूर्ण मार्गदर्शक ग्रंथ कुरआन भी दिया। आज सारी मानवता स्वार्थ, झूठ, बेईमानी और अत्याचारों से कराह रही है, लोग इन चीजो से परेशान होकर नित नए रास्ते ढूढ रहे है, परंतु परेशानियां बढती ही जा रही है।
               इतिहास साक्षी है कि मक्का में आज से 1400 वर्ष पहले आज के दूनिया के जैसे हालात थे, इसी समय " हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम " पर अल्लाह ने रमजान ( रोजे के महिने ) में कुरआन उतारा। मुहम्मद साहब ने इस कुरान के द्वारा पूूरे समाज को बदल डाला । देशवासियों को रमजान के इस पावन पर्व बहुत -बहुत बधाई ।
----- शिव प्रसाद श्रीवास्तव एडवोकेट दीवानी
                     कचहरी मऊ जनपद -मऊ

---
              विशिष्ट निवेदन
              ===========
कोरोना वायरस KOVID -19 के वैश्विक महामारी से बचने के लिए अपने-अपने घरो मे रहे, नियमित रूप से अपने हाथ को किसी भी साबुन से अच्छी तरह से साफ करे, एक दूसरे  से 2 गज दूरी बनाए रखे, विटामिन सी का नियमित रूप से सेवन करे, धूप का सेवन अवश्य करे, इमिनिटी बढाने वाले भोजन खाए साथ ही सरकार के बताए नियमों का पालन करें । धन्यवाद ।
#StayHomeStaySafe