कारागार - कविता
वह कारागार में इसलिए नहीं है,
कि वह दोषी है ।
वह कारागार में इसलिए नही है,
कि उसे कोई दण्ड दिया गया है ।
वह कारागार में इसलिए नहीं है,
कि विचारण के पहले उसके भागने की कोई संभावना है
वह कारागार में केवल एक कारण से है,
कि वह एक निर्धन है ।
--- शिव प्रसाद श्रीवास्तव एडवोकेट दीवानी कचहरी मऊ