Law | विधि-विचार

" न्यायालय मानव जीवन के कष्टों को दूर नहीं कर सकते है ।वे कर्तव्यों के उल्लंघन पर दंड देते है या पीड़ित को राहत देते हैं, लेकिन इसके आगे कुछ नही कर सकते है । वे मनुष्य को गुणवान और उत्तम नही बना सकते । संसार की खुशियां अच्छाइयों पर निर्भर हैं।दुखों को मानवीय कानून या न्यायालय समाप्त नहीं कर सकते है।
--- सर विलियम स्काट 
-( शिव प्रसाद श्रीवास्तव एडवोकेट दीवानी कचहरी मऊ -  Writer )